एसएमएस अस्पताल के डॉक्टरों के परिजन बोले- वे कोरोना मरीजों का इलाज कर रहे और हम उनकी मदद


जयपुर. काेराेना काे लेकर पूरी दुनिया खाैफजदा है। चिंतित है, हर काेई डरा हुआ है। लेकिन उन डाॅक्टराें के परिजन जाे दिन-रात काेराेना संक्रमित मरीजाें काे ठीक करने में जुटे हैं, वे काेराेना के खाैफ से निडर हाेकर डाॅक्टरों के साथ खड़े हैं और सपाेर्ट कर रहे हैं। डाॅक्टराें ने काेराेना से निपटने के लिए अपने क्लिनिक पर आने वाले मरीजाें की अपॉइंटमेंट कैंसिल कर सिर्फ इमरजेंसी वाले मरीजाें काे देख रहे हैं।


काेई चूक भी हाेती है बेटी डांटती है, हम ही डरेंगे ताे वाे कैसे अपना काम कर पाएंगे


डाॅ. रमन शर्मा की पत्नी डाॅ. रजनी शर्मा कहती हैं कि कोराेना मरीज काे ठीक करने में उनका अनुभव ही काम आया क्याेंकि वे दस साल से स्वाइन फ्लू और अन्य इन्फेक्शन डिजीज से भी लड़ चुके है। घर में एंट्री करने से पहले हाथ अच्छी तरह धाेते हैं। हां कभी कभार चूक हाेती है ताे बेटी नव्या शर्मा डांट लगाती है। आमजन काे भी डरने की काेई जरूरत नही है, बस जरूरी सावधानी बरतें। डाॅ. रमन शर्मा के अमेरिका में रह रहे भाई रवि शर्मा और रश्मि भटनागर फाेन पर हिदायत देते रहते हैं।


एहतियात के ताैर पर बेडरूम अलग कर दिया, लेकिन डर जैसा कुछ भी नहीं है


डाॅ. प्रकाश केसवानी की पत्नी डाॅ. मंजू केसवानी ने बताया कि 2 मार्च काे जब काेराेना का पहला केस सामने आया तब से पूरी दिनचर्या ही बदल गई है। डाॅ. केसवानी दिन-रात काेराेना संक्रमित मरीजाें काे इलाज में जुटे है लेकिन परिवार में डर जैसी काेई बात नहीं है। एहतियात के ताैर पर उनका कमरा अलग किया हुआ है। डाॅ. मंजू केसवानी सुबह 6 बजे डाॅ. केसवानी के लिए हैल्थी डाइट तैयार कर देती है। बेटा साैरभ अपने पिता काे हमेशा केयरफुल रहने के लिए कहता है- रिश्तेदार चिंता करते हैं पर डर जैसी काेई बात नहीं। 


हैल्थी डाइट तैयार करती हूं ताकि उन्हें थकान न हो, वर्क स्टेमिना भी बना रहे


डाॅ. सुशील भाटी के पत्नी चन्द्रावनी और बेटी राधिका के मुताबिक, हम सामान्य सावधानियां बरत रहे हैं। अस्पताल से आने के बाद कपड़े, जूते बाहर खाेलते हैं। सेनेटाइजर से हाथ धाेने के बाद ही घर में एंट्री करते हैं। काेराेना की बातें घर में भी हाेती हैं लेकिन अफवाहाें के बजाय सतर्कता पर ध्यान देते है। अस्पताल से आने के बाद डाॅ. सुशील भाटी नहाने धाेने के बाद ही हमारे साथ बैठते है और खाना खाते है। उनके लिए हैल्थी डाइट तैयार करती हूं ताकि स्टेमिना बना रहे।


मैं खुद डाॅक्टर हूं ताे डर काहे का, हम पीछे नहीं हट सकते


डाॅ. अभिषेक अग्रवाल की पत्नी डाॅ.अनुपमा शाह ने बताया कि जब पता चला कि डाॅ. अभिषेक अग्रवाल की टीम ने काेराेना मरीज काे ठीक करने में सफलता हासिल की ताे प्राउड फील हुआ। मैं खुद डाॅक्टर हूं। यह हमारा काम है इसलिए डर नहीं है। हां! थाेड़ी चिंता जरूर हाेती है।


ठान रखा है- हम नहीं डरेंगे, हमारे लिए सबकुछ नाॅर्मल है


डाॅ. सुधीर भंडारी के पत्नी रीना भंडारी कहती है हमारे लिए यह सब बिल्कुल नाॅर्मल है। डर जैसी काेई बात ही नहीं है, क्याेंकि अगर हम डर गए ताे वाे अपना काम सही से कैसे कर पाएंगे। बीते 10-15 दिन से उनकी दिनचर्या बिल्कुल बदल सी गई है। यह जरूर है कि हम सजग हैं और सभी प्रीकाॅशन फाॅलाे कर रहे हैं। हमें चिंता नहीं है, क्याेंकि इस समय उनकी सबसे ज्यादा जरूरत काेराेना मरीजाें काे है।


दिनचर्या बिल्कुल बदल गई, डरें नहीं, बस सावधानी बरतें


डाॅ. अजीत सिंह की पत्नी प्रमेन्द्र खंगाराेत ने कहा कि घर में जरूरी सावधानी बरती जा रही है। जब से पता चला है कि इनकी ड्यूटी काेराेना वार्ड में लगी ताे पहले चिंता हुई, लेकिन असली जिम्मेदारी का भी अहसास हुआ। यह डरने का वक्त नहीं है बल्कि साथ देने का वक्त है। 


अच्छा लग रहा है, वे इस महामारी के खिलाफ याेगदान दे रहे हैं


डाॅ. एस बनर्जी के वाइफ डाॅ. कृष्णा बनर्जी ने कहा कि मुझे ताे अच्छा लग रहा है कि वे इस महामारी के इलाज में अपना याेगदान दे रहे है। अब तक वे पूरी तरह सक्सेस भी रहे है। हां, हम सभी जरूरी प्राेटेक्शन और प्रीकाॅशन रखते हैं।